3 करोड़ की लागत से बनेगा राज्य स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला का नया भवन

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3 करोड़ की लागत से बनेगा राज्य स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला का नया भवन
3 करोड़ की लागत से बनेगा राज्य स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला का नया भवन

जल जीवन मिशन (जेजेएम) की समीक्षा बैठक

प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत वाटर क्वालिटी मॉनिटऋृरग एंड सॉवलियंस (डब्ल्यूक्यूएमएस) प्रोगाम के तहत पेयजल गुणवत्ता जांच पर पूरा फोकस किया जा रहा है। सभी जिला प्रयोगशालाओं के ’एनएबीएल एक्रीडिशन’ और 102 पंचायत समिति मुख्यालयों पर इसी साल नई पेयजल जांच लैब स्थापित करने की योजना के साथ ही जयपुर में 3 करोड़ रुपये की लागत से राज्य स्तरीय पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला का नया भवन बनाया जाएगा।

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने  शासन सचिवालय में राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ जेजेएम की समीक्षा बैठक में स्टेट लेवल लैब के नए भवन के लिए शीघ्रता से स्थान का चयन कर इसका विस्तृत एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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पंत ने बैठक में जेजेएम के तहत प्रदेश में डब्ल्यूक्यूएमएस के तहत संचालित की जाने वाली गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। राज्य की वर्ष 2021-22 की वार्षिक योजना में इस कार्यक्रम के तहत 67 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। एसीएस ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर पेयजल गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) के परिसर में स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशें।

इन नई प्रयोगशालाओं के लिए पीएचसी या अन्य सरकारी परिसरों में स्थान निर्धारित करने के लिए फील्ड में कार्यरत सभी अधिशाषी अभियंताओं को समन्वय करते हुए शीघ्रता से औपचारिकताएं पूरी करने के लिए निर्देशित किया जाए।बैठक में एसीएस ने सोमवार को जारी विभाग के ’क्वालिटी एश्योरेंस एंड क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल’ को तत्काल अमल में लाने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को जेजेएम के कार्यों की गुणवत्ता जांच के लिए थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी के चयन की प्रक्रिया को भी इसी माह के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में प्रदेश में जेजेएम के तहत बाकी बचे गांवों में ’हर घर नल कनेक्शन’ देने के नई पेयजल परियोजनाओं के प्रस्ताव भी जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। इस सम्बंध में रेग्यूलर विंग के तहत बचे गांवों की योजनाओं की स्वीकृति के लिए आगामी अगस्त तथा मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए अगले सितम्बर माह में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की बैठके आयोजित की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि जेजेएम में रेग्यूलर विंग के तहत एसएलएसएससी में पूर्व में जारी 10226 गांवों की स्वीकृतियों की तुलना में अब तक 8739 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 7622 गांवों की निविदाएं जारी हो चुकी है। इनके विरूद्ध 1923 गांवों में 5 लाख 69 हजार 659 ’हर घर नल कनेक्शन’ जारी करने के कार्यादेश जारी किए गए है। इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत 3209 गांवों के लिए तकनीकी स्वीकृतियां और 2532 गांवों के लिए निविदाएं जारी की गई है, जबकि 48 गांवों में 16 हजार 266 ’हर घर नल कनेक्शन’ देने के कार्यादेश जारी किए जा चुके है।

बैठक में विशिष्ट शासन सचिव उर्मिला राजोरिया, मुख्य अभियंता (ग्रामीण)आरके मीना, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) दलीप कुमार गौड़, वित्तीय सलाहकार सुश्री कोमल आगरी, डब्ल्यूएसएसओ के निदेशकमनीष बेनीवाल और चीफ कैमिस्ट श्री राकेश माथुर मौजूद रहे।

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