कोरोना वायरस से हुई मौतोंं के सदमें से अभी लोग उबरे भी नहीं थे कि इससे भी अधिक खतरनाक बीमारी मल्टीसिस्टम इंप्लामेंट्री सिंड्रोम इन चाइल्ड का केस सामने आया है।इसकी शिकार क्षेत्र के देवरा (थला) निवासी 15 वर्षीय आशा माली पुत्री हरिराम माली जयपुर में डॉक्टरों के अथक प्रयासों से मौत के मुंह से बच कर आई है। इसे ठीक करने वाले जयपुर के निजी अस्पताल के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेंद्र व्यास ने बताया कि गत दिनों परिजन इस बच्ची को लेकर जयपुर केे सांगानेर स्थित आरसीबीएच अस्पताल लाए। जहां इसकी जांचे की गई। यह मल्टीसिस्टम डफ्लामेंट्री सिंड्रोम इन चाइल्ड नामक बीमारी से ग्रसित पाई गई। जिसमें बचने की संभावना कम रहती है। इस बच्ची को भी परिजन 12 जून को जयपुर मेंं अस्पताल लेकर आए। जहां इसकी स्थिति काफी खराब थी। फिर भी डॉक्टरों की टीम ने इसका जीवन बचाने के लिए पूरा प्रयास किया। महंगे इंजेक्शन लगाए। तीन दिन यह बच्ची वेल्टीनेटर पर रही। आखिरकार यह सप्ताह भर में स्वस्थ हो गई और परिजनों के साथ घर लौट गई।
डॉ. सुरेंद्र व्यास ने बताया कि बताया कि सबसे पहले इस बीमारी में तेज बुखार आता हे। फिर शरीर में लाल-लाल छकते होते है। सूजन आती है। पेट दर्द होता है। ऑक्सीजन में कमी आती है।
इसकी जांच की गई यह मल्टीसिस्टम ङप्लामेट्री सिंड्रोम इन चाइल्ड नामक बीमारी से ग्रसित पाई गई जिसमैं बचने की संभावना कम रहती है इस बच्चे को भी परिजन 12 जून को जयपुर मैं अस्पताल लेकर आए जहां इसकी स्थिति काफी खराब थी फिर भी डॉक्टरों की टीम ने इसका जीवन बचाने के लिए पूरा प्रयास किया महंगे इंजेक्शन लगाए 3 दिन यह बच्ची वेल्टीनेटर पर रही आखिरकार यह सप्ताह भर में स्वस्थ हो गई और परिजनों के साथ कर लौट गई इस तरह के लक्षण होते हैं इसमें बारे में (डॉ सुरेंद्र व्यास )ने बताया कि सबसे पहले इस बीमारी में तेज बुखार आता है फिर शरीर में लाल लाल छकते होते हैं सूजन आती है पेट दर्द होता है ऑक्सीजन में कमी आती है