बैण्ड-बाजों की स्वर लहरियों, डीजे की धुनों के बीच श्री गणेश महोत्सव समिति के तत्वाधान में शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में गणेश प्रतिमाओं का पुरानी तहसील बम्ब तालाब स्थित प्राचीन गोवला घाट पर विसर्जन किया गया। पिछले 5 वर्षो से ऐतिहासिक स्मृतियों से ओत-प्रोत इस कार्यक्रम में इस बार अनुमान से अधिक भक्तगणों ने शिरकत की जिसने सामाजिक एकता के नए आयाम स्थापित किए। गणपति विसर्जन के जुलूस में बच्चे, युवा, किशोर, किशोरियों, महिलाओं, पुरूषों ने शामिल होकर सकल संगठित समाज की परिकल्पना को साकार करने का काम कर दिया व आने वाले लम्बे समय तक के लिए छाप छोड दी जिसे भुलाया नहीं जा सकता। लयबद्ध कार्यक्रम में कोई लीडर नहीं कोई कार्यकर्ता नहीं, सबने जिस अनुशासन व भक्ति के रंग में सरोबार रहते हुए आपसी सहयोग का जो नजारा पेश किया वो अपने आप में अदुभुत रहा। वाहनों एवं भक्तों के जत्थे हर गणेश प्रतिमा के साथ रैली के रूप में ऐसे आगे बढ रहे थे कि आरम्भ से अंत के छोर को देख पाना तक मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लग रहा था। जुलूस के रवाना होने पर शहरवासी अपने-अपने घर की छतों पर चढकर इस कार्यक्रम को देखने के लिए उमडे। जुलूस में शामिल हुए वाहनों एवं भक्तों का काफिला इतना लम्बा था कि लोगों के मुंह से बरबस ही निकल गया कि निसन्देह अदभुत नजारा है। कार्यक्रम के लिए मंच पर मौजूद अतिथियों को भी इस शानदार आयोजन में उमडी भक्तों की भीड को देखकर अहसास हुआ कि मालपुरा में इससे बडा शायद ही कोई अन्य आयोजन होता होगा। जिसमें समाज के हर वर्ग के महिला-पुरूष अपनी भावनाओं व आस्था से सरोबार होकर आकर्षण में बंधे खिंचकर कार्यक्रम में शामिल होते हुए सामूहिक एकता का परिचय देते होंगे। गणेश विसर्जन समारोह ने शहर के सकल हिन्दू समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया है। महोत्सव के दौरान शहर के हर इलाके में गणपति की स्थापना की गई जिसमें नित्य पूूजा-अर्चना, आरती सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समाज के हर वर्ग के लोगों के बीच भाईचारा कायम किया व लोगों का कार्यक्रम के प्रति जुडाव बढा। देवों में प्रथम पूज्य गणपति ने इस समारोह के माध्यम से जाति एवं वर्गभेद की खाई को पाटने में भी खासा सहयोग मिला।
संयोजक व टीम की मेहनत रंग लाई-एडवोकेट कृष्णकांत जैन व गणपति महोत्सव आयोजन समिति से जुडे तमाम लोगों की मेहनत रंग लाई व दिन-रात जी-तोड मेहनत कर हर स्थान पर गणपति के समारोह में पहुंचकर लोगों से अधिकाधिक संख्या में समारोह में शामिल होने का आग्रह किया। इस बार समारोह में साठ से अधिक स्थानों पर गणेश भगवान की प्रतिमाएं स्थापित की गई। प्रतिदिन गणपति की पूजा-अर्चना में उमड रहे लोगों के उत्साह को देखते ही पूर्व में इस बात को लेकर अनुमान था कि समारोह में भारी संख्या में भक्तगणों का जमावडा रहेगा। सुभाष सर्किल पर आयोजित अतिथियों के सम्मान कार्यक्रम के दौरान उमडे लोगों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा था जिससे उत्साहित होकर सम्मान समारोह में संचालन कर रहे रमाकांत पाठक ने कार्यक्रम संयोजक एडवोकेट कृष्णकान्त व उनके सहयोगियों की मंच से जमकर सराहना की जो वाजिब भी थी।
प्याऊ, शरबत, छाछ, पुष्पवर्षा सहित अन्य तरीकों से किया स्वागत-विसर्जन समारोह में अपार जनसमूह उमडा तथा नाचते-गाते भक्तों के जत्थे लगातार आगे बढते रहे। जुलूस में शामिल लोगों की सेवा के लिए भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बीच होड मची रही। व्यास सर्किल पर चोखी ढाणी कैफे द्वारा प्याऊ लगाई तो सुभाष सर्किल पर रोटरी क्लब मालपुरा ग्रीन द्वारा शरबत पिलाया गया वहीं मंदिर श्री घाणा के बालाजी विकास समिति की ओर से चारभुजा मंदिर के बाहर छाछ का वितरण किया गया जो अपने आप में अनुकरणीय व प्रेरणादायी उदाहरण रहा।