<span;>पिछले एक सप्ताह से शहर में दूदू रोड पर एक बेशकीमती जमीन का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। जिसमें मालिकाना हक का रहस्य बरकरार बना हुआ है जो आमजन के लिए भी कौतुहल का विषय बन गया है। दो दर्जन से अधिक कारीगर-मजदूरों द्वारा दिन-रात निर्माण में जुटे रहने से आमजन में जिज्ञासा और अधिक प्रबल हो गई है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि बीते तीन दिनों में काफी कुछ ऐसा घटित हुआ है जिसको लेकर शहर भर में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है। सूत्रों की माने तो पहले पुलिस के साथ तथा बाद में किसी सक्षम अधिकारी के साथ विवाद होने की बात भी उजागर हुई है। यहां तक कि किसी सक्षम अधिकारी के साथ हुई हाथापाई व कार के क्षतिग्रस्त होने तक की अफवाहे जोर पकड रही है। हालांकि इस मामले में अब तक किसी भी पक्ष की ओर से थाना पुलिस के पास कोई मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। मामले में रोचक मोड शनिवार को देखने को मिला जब पहले थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कर रहे कारीगर-मजदूरों को निर्माण नहीं करने के निर्देश दिए लेकिन जब काम नहीं रूका तो प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक हर्षित शर्मा ने मौके पर पहुंचकर निर्माण में जुटे कारीगर-मजदूरों को मौके से खदेडा। इस सबन्ध में एक मजदूर पुलिस हिरासत में लिया गया तथा मौके से निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामान जब्त किया गया है। प्रशिुक्ष पुलिस उपाधीक्षक हर्षित शर्मा ने बताया कि जमीन के मालिकाना हक के मामले में दो पक्षों की ओर से दावा किया जा रहा है। एसडीएम डॉ. राकेश कुमार मीणा को एक पक्ष की ओर से जमीन पर खुद का दावा जताते हुए सक्षम व दबंगाईयों द्वारा जबरन भूमि पर कब्जा किए जाने की शिकायत की गई है जिस पर एसडीएम डॉ. मीणा ने भूमि के मालिकाना हक को लेकर स्थिति स्पष्ट होने तक निर्माण कार्य रोके जाने के निर्देश दिए थे। जिस पर पुलिस ने शांति एवं कानून व्यवस्था भंग होने के अंदेशे के चलते तीन दिन पूर्व ही निर्माण कर रहे पक्ष को निर्माण कार्य बंद किए जाने के आदेश दिए थे लेकिन शनिवार को भी निर्माण कार्य बंद नहीं होने की शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंचकर कारीगर-मजदूरों को खदेडा गया।

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