शहर की निर्माणाधीन इमारतों में टैक्स चोरी कर अलग-अलग ब्रांड की नॉन ट्रेड सीमेंट का धडल्ले से प्रयोग किए जाने के मामले को लेकर दिनभर हंगामा चलता रहा। खास बात यह रही कि स्थानीय स्तर से लेकर उच्चाधिकारियों एवं सीमेंट कम्पनियों तक के अधिकारियों तक को सूचित किए जाने के बावजूद किसी प्रकार की कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जहां अधिकारियों ने कार्रवाई में असमर्थता जताई तो वहीं सीमेंट कम्पनियों के मार्केटिंग से जुडे अधिकारियों ने किसी को माल नहीं दिए जाने की बात कहते हुए पल्ला झाड लिया। सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारियों की काफी देर तक चिल्ला-पो मचाने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। जबकि सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारी अपनी ओर से मामला दर्ज करवाए जाने तक के लिए तैयार हो गए। मामले के अनुसार हाल ही में गठित सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारियों को दूरभाष पर मालपुरा-सदरपुरा मार्ग पर निर्माणाधीन निजी मकान की छत डालने में नॉन ट्रेड सीमेंट का प्रयोग किए जाने की जानकारी मिली। जिस पर सीमेंट ऐशोसिएशन के संरक्षक मोहम्मद इशहाक, अध्यक्ष अटल पारीक, मंत्री राकेश कुमार, रामदेव शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे व मामले की पडताल की जिसमें मौके पर नॉन ट्रेड सीमेंट के बैग मिले। निर्माणाधीन इमारत के मालिक से इस बाबत पूछे जाने पर उसने एक अन्य व्यापारी से इसे खरीद किया जाना बताया। जबकि इन सीमेंट बैग पर साफ हिदायत अंकित है कि यह बेचने के लिए नहीं है। इस दौरान ही औद्योगिक क्षेत्र में करीब डेढ हजार वर्ग गज की लम्बी-चौडी निर्माणाधीन फैक्ट्री व एक अन्य फैक्ट्री में भी नॉन ट्रेड सीमेंट के धडल्ले से प्रयोग किए जाने की जानकारी सामने आई। जिस पर सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे तथा मीडियाकर्मियों को मौके पर बुलाया। मौके पर नॉन ट्रेड सीमेंट के सैंकडों की तादात में बैग एकत्रित मिले। सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारियों ने दूरभाष पर एसडीएम डॉ. राकेश कुमार मीणा एवं सेल टेक्स एवं जीएसटी कर विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क साधा व मामले से अवगत करवाया। बावजूद इसके समाचार लिखे जाने तक किसी भी विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना सामने आया है। मामले के दौरान यह भी सामने आया कि वस्तु कर अधिनियम के तहत जहां एक ओर केन्द्र की सरकार कर संग्रहण के लिए एडी से चोटी तक का जोर लगा रही है वहीं मुख्यालय पर कर चोरी रोकने के लिए किसी सक्षम अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से यहां कर चोरी के सैंकडों मामले उजागर होने के बावजूद कोई कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है। सीमेंट ऐशोसिएशन के पदाधिकारियों ने जीएसटी की चोरी करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए सीमेंट कम्पनियों के प्रतिनिधियों से भी मामलों की जांच किए जाने की मांग की है।
क्या है ट्रेड व नॉन ट्रेड का खेल-सीमेंट कम्पनियों की ओर से सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माण एवं विकास कार्यो को निर्बाध सम्पादित करवाने एवं टेक्स देने वाले व्यापारियों-ठेकेदारों के लिए रियायती दरों पर सीमेंट उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है जिसके तहत व्यापारियों-ठेकेदारों को सीमेंट कम्पनियां स्वयं का ट्रेडिंग अकांउट खोलकर सीधे आपूर्ति करती है। साथ ही इन्हें यह सीमेंट बाजार दर से कम कीमत पर उपलब्ध करवाया जाता है। बाजार दर में उपभोक्ता द्वारा खरीदे जाने वाले सीमेंट बैग की दर में लगभग 100 से 125 रूपयों तक का अंतर होता है। लेकिन मुनाफाखोर सरकारी ठेको के नाम पर बाजार में नहीं बेचने की चेतावनी लिखे होने के बावजूद नॉन ट्रेड सीमेंट का उपयोग कर जीएसटी की चोरी करते नजर आते है। उपखंड स्तर तक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से यह खेल धडल्ले से जारी है।