शहर में पचास करोड रुपए खर्च कर चंहुमुखी विकास का दावा करने वाली कांग्रेस महज 5 सीटों पर सिमट कर रह गई। हाल यह हो गया है कि सत्ताधारी दल कांगे्रस को नगरपालिका में अपनी लाज बचाने के लिए अब निर्दलीयों से आस लगानी पड रही है। नगरपालिका चुनावों में परिवारवाद का दंश झेलने वाली कांगे्रस में निवर्तमान पालिकाध्यक्ष आशा-महावीर नामा स्वयं वार्ड संख्या 21 व अपनी पुत्री आकांक्षा नामा को वार्ड संख्या 20 से टिकिट दिलवाने में तो कामयाब रही लेकिन जनादेश में पालिकाध्यक्ष तो विजयी हुई लेकिन जनता ने पुत्री को पूरी तरह नकार दिया। रविवार को घोषित किए गए चुनाव परिणामों में कांगे्रस को 5, भाजपा को 13 तथा 18 निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। 35 सदस्यों वाली मालपुरा नगर पालिका में 28 जनवरी को हुए मतदान के बाद रविवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के ऑडिटोरियम में रिटर्निंग ऑफिसर डॉ राकेश कुमार मीणा की मौजूदगी में मतगणना संपन्न करवाई गई। सुबह से ही मतगणना के परिणामों को जानने के लिए भारी संख्या में शहरवासियों का हुजूम मतगणना स्थल के आसपास एकत्रित रहा। पुलिस एवं प्रशासन की ओर से किए गए सुरक्षा के कड़े इंतजाम के चलते मतगणना स्थल के दोनों ओर 100-100 मीटर के दायरे में मार्ग परिवर्तित कर यातायात की व्यवस्था की गई। कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना का कार्य सम्पादित किया गया। सुबह 9 बजे से ही मतगणना शुरू हुई व लाउडस्पीकर के जरिए परिणामों की घोषणा की गई। मतगणना के दौरान परिणामों की घोषणा को लेकर जनता में भारी उत्सुकता रही व प्रत्याशियों के परिणामों की घोषणा के साथ ही विजयी रहने वाले प्रत्याशियों व उनके समर्थकों में भारी जोश दिखाई दिया। प्रत्याशियों व समर्थकों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। मालपुरा नगरपालिका में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं होने तथा सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में होने से पालिकाध्यक्ष के चुनाव को लेकर रोमांच पैदा हो गया है। 2 फरवरी को पालिकाध्यक्ष पद के लिए किए जाने वाले नामांकन में कांगे्रस, भाजपा किस राजनैतिक दांव खेलकर सत्ता पर काबिज होती है इसका शहरवासियों का इंतजार रहेगा।