दो दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से संचालित पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशिक्षण अनुसंधान केंद्र, अविकानगर, टोंक द्वारा रविवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) टोंक के संयुक्त तत्वावधान मैं दो दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया| शिविर के शुभारंभ अवसर पर डॉ. अनिल परतानी  (वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल ऑफिसर मालपुरा), डॉ. सीपी स्वर्णकार (प्रधान वैज्ञानिक पशु स्वास्थ्य विभाग सीएसडब्ल्यूआरआई  अविकानगर टोंक), डॉ. दीपक गिल , डॉ. राजेश सैनी तथा डॉ. नरेंद्र चौधरी उपस्थित रहे| विषय विशेषज्ञो का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया| शिविर में डॉ. अनिल परतानी  ने पशुपालन के चार मुख्य स्तंभ पशु की नस्ल, पशु का रखरखाव, पशु पोषण तथा पशु स्वास्थ्य के बारे में आधारभूत जानकारी दी| शिविर में बताया गया कि पशु नस्ल का चयन क्षेत्र विशेष के अनुसार करना चाहिए ताकि पशु उसके वातावरण  के अनुकूल रह सके | डॉ. सीपी स्वर्णकार ने बताया कि भेड़ों में होने वाले  मुख्य रोग फडकिया, माता रोग तथा पीपीआर  का टीकाकरण व पशुओं को कर्मी हरण  अवश्य करवाएं तथा पशुपालकों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए |केंद्र के डॉ. नरेंद्र चौधरी ने पशुपालकों को पशुओं के लिए यूरिया-मोलासेस-मिनरल ब्लॉक की उपयोगिता बताइZ | केंद्र के डॉ. राजेश सैनी ने पशुपालकों को हरे चारे के विकल्प के रूप में एजोला पोस्टिक चारे के बारे में जानकारी दी | शिविर में  मैंना चौधरी (कृषि पर्यवेक्षक)  तथा शिवराज वर्मा (कृषि पर्यवेक्षक ) ने भी भागीदारी निभाई शिविर के प्रथम दिन 30 पशुपालक लाभान्वित हुए|

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