केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में पशुधन सहायक एवं तकनीकी कर्मचारियों के कौशल विकास हेतु तीन दिवसीय (3 से 5 नवम्बर) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण मेगा सीड शीप परियोजना के तहत किया गया एवं इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पशुधन सहायक एवं तकनीकी कर्मचारियों के रोजमर्रा के भेड़ एवं बकरियों के रख-रखाव एवं उपचार संबंधित गतिविधियों में दक्षता में वृद्धि करना था। संस्थान के निदेशक डॉ. अरूण कुमार तोमर ने अपने संबोधन में बताया कि संस्थान के पशुओं एवं आस-पास के क्षेत्र की भेड़-बकरियों के रख-रखाव एवं उपचार में पशुधन सहायक एवं तकनीकी कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि समय-समय पर पशुधन सहायक एवं तकनीकी कर्मचारियों का कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण करवाये जाये जिससे कि वो आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से अवगत हो सके। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. रमेश चंद शर्मा ने प्रशिक्षण की विस्तृत जानकारी दी। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान में कार्यरत कुल 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और इस प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभिन्न विषयों जैसे कि पशु प्रजनन, पशु पोषण एवं प्रबंधन और पशु स्वास्थ्य इत्यादि पर अपने-अपने व्याख्यान दिये। इसके साथ भेड़ों के ड्रेसिंग, इंजेक्शन, वैक्सीनेसन, दवा पिलाना एवं शवपरीक्षा पर दो प्रेक्टिकल भी करवाये गये। समापन समारोह के दौरान डॉ. राघवेन्द्र सिंह एवं डॉ. एस.आर. शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। समापन समारोह के दौरान संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेश कुमार एवं सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी, श्री सी.एल. मीना ने भी प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरणादायक व्याख्यान दिये। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का समन्वयक एवं संचालन डॉ. पी.के. मलिक, प्रधान वैज्ञानिक ने किया।