शहर में उपद्रव की स्थितियों के बाद लगाए गए कर्फ्यू में लगातार अवधि बढा-बढा कर ढील दी जा रही है जिसके बाद अब जनजीवन सामान्य होने की ओर अग्रसर है। शहर में उपद्रव से पहले जैसे सामान्य हालात दिखाई दिए। सामान्य दिनों की तरह दुकाने खुली व शहर के साथ-साथ बाहर गांव से खरीददारी के लिए आने वाले ग्रामीण भी सामानों की खरीद के लिए बाजारों में पहुंचे। शहर के सभी निजी व सरकारी शिक्षण संस्थान लगातार बंद चल रहे थे। प्रशासन की ओर से कर्फ्यू में ढ़ील दी गई ढील की अवधि के दौरान पांच दिन बाद पहली बार स्कूलों में घण्टी बजी और विद्यार्थी व शिक्षक संस्थानों में पहुंचे जिससे स्कूलों में चहल-पहल दिखाई दी। कर्फ्यू में ढ़ील ढील दिए जाने व सभी स्कूलों में विधिवत कार्य सुचारू होने के बावजूद आस-पास के क्षेत्रों से नियमित रूप से अध्ययन के लिए आने वाले ग्रामीण विद्यार्थियों की संख्या काफी कम रही तथा अभिभावकों ने अपने अपने नौनिहालों को स्कूल भेजने में रूचि नहीं दिखाई। कर्फ्यू के दौरान पूर्व में ही प्रशासन द्वारा करवाई गई मुनादी के अनुसार ढील के दौरान शहर में सभी स्कूली वाहनों एवं दुपहिया वाहनों के प्रयोग की छूट दी गई थी जिसके चलते दिन भर शहर की सडकों पर निजी स्कूलों के वाहन दौडते नजर आए। सामान्य दिनों की तरह अन्य सरकारी कार्यालय भी खुले जिसके दौरान सर्वाधिक भीड बैंकों में देखी गई। कस्बे में अब पहले की अपेक्षा तेजी से हालात बदल रहे है। शहर में ढील की अवधि के दौरान पुलिस व प्रशासन के अधिकारी लगातार गश्त कर हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए है तथा सभी प्रमुख चौराहों एवं संवेदनशील इलाकों में जाब्ता तैनात है। ढील की अवधि के दौरान पुलिस शहर के चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए है जिसके लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी करवाई जा रही है। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शुक्रवार से लगातार मालपुरा में कैम्प किए हुए है तथा हालातों को सामान्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है। शहर में उपजे तनाव के बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दोनों ही समुदायों के लोगों से वार्ता करने में जुटे है पुलिस व प्रशासन के आलाधिकारियों सहित पूर्व में सेवाएं दे चुके अधिकारी शहर के प्रबुद्धजनों से वार्ता कर शहर में भाईचारें व अमन-चैन की स्थापना के लिए प्रयासरत है।