सिंधोलिया माताजी गांव में बुधवार को श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ विशाल कलश यात्रा के साथ हुआ। बडी संख्या में श्रद्धालु आयोजन स्थल पर एकत्रित हुए। इस अवसर पर भक्तगणों की ओर से भागवत महारानी जी को सिर पर धारण कर गांव की परिक्रमा करवाई गई तथा जुलूस के रूप में आयोजनस्थल तक ले जाया गया। बैण्डबाजों के साथ निकाली गई शोभायात्रा में महिलाओं ने मंगाचार गाया तो पुरूषों ने भी रामधुनी गाते हुए शिरकत की। परम श्रद्वेय पं. राजीवकृष्ण शास्त्री जी महाराज (वृंदावन वाले) भागवत कथा का वाचन वाचन कर रहे है। कलश यात्रा में बडी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए मंगलगीत गाते हुए चल रही थीं। कलश यात्रा का जगह- जगह स्वागत किया गया। कथा में प्रथम दिन परम श्रद्वेय पं. राजीवकृष्ण शास्त्री जी महाराज (वृंदावन वालों)ने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कलियुग में भागवत ही मोक्ष का द्वार है। जिस मनुष्य को जहां भी इसे श्रवण, मनन व चिंतन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है वह बहुत ही बडभागी होता है तथा उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के दुखों का नाश हो जाता है तथा वह मनुष्य मृत्यु के बाद सदगति प्राप्त करता है। उन्होंने प्रसंगवश आए संस्मरणों पर मधुर भजनों की प्रस्तुति दी तो पाण्डाल में कथा श्रवण कर रहे भक्त भाव-विभोर हो गए तथा भजनों की प्रस्तुतियों पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।