पंचायतराज चुनावों के तीसरे चरण में गांवो की सरकार चुनने के लिए चुनाव प्रचार परवान पर पहुंच गया है, प्रत्याशी जहां डोर टू डोर पहुंचकर मतदाताओं से अपने पक्ष में समर्थन एवं मत देने के लिए मनुहार करते नजर आ रहे है वहीं मतदाता गोलबंद होकर सभी प्रत्याशियों को आश्वासन दे रहे है। पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए 285 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे है। कई ग्राम पंचायतों में रोचक मुकाबले देखने को मिल रहे है। राजनीति में युवाओं के सक्रिय होने तथा महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के बाद से मुकाबलों में रोचकता बन गई है। कई ग्राम पंचायतों में जहां प्रत्याशी दोबारा अपना भाग्य आजमा रहे है वहीं कुछ ग्राम पंचायतों में परिवार के अन्य चेहरे के नाम पर दोबारा किस्मत आजमाई जा रही है। कई ग्राम पंचायतों में सीधा, त्रिकोणीय तो कई ग्राम पंचायतों में चतुष्कोणीय तथा कई ग्राम पंचायतों में आधा दर्जन प्रत्याशियों के बीच कडा मुकाबला देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी अपने-अपने ढंग से मतदाताओं को रिझाने में लगे है, व्यक्तिगण सम्पर्को के साथ-साथ रिश्तेदारों एवं नातेदारों से सम्पर्क साध कर अपने-अपने पक्ष में मतदान करने के प्रयास किए जा रहे है। प्रत्याशियों की ओर से जहां कोई कोर-कसर नहीं छोडी जा रही है वहीं मतदाताओं से उनके भरोसे पर खरा उतरने का वायदा दोहरा रहे है। पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों में से महज बागडी ग्राम पंचायत में सबसे कम दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है जबकि डिग्गी में सर्वाधिक 18 तथा बृजलाल नगर में 17 प्रत्याशी मेदान में है। कई ग्राम पंचायतों में त्रिकोणीय, चतुष्कोणीय तो कहीं आधा दर्जन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। टोरडी, डिग्गी, बृजलाल नगर, पचेवर, लावा, लाम्बाहरिसिंह, तिलांजू, देवल सहित अन्य ग्राम पंचायतों में रोचक मुकाबले है जिनके परिणामों को लेकर ग्राम पंचायत सहित अन्य क्षेत्र के मतदाताओं में उत्सुकता बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले चुनावों का सीधा असर शहरी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है जहां ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन के व्यस्त रहने के कारण मुख्यालय पर नहीं पहुंचने से दिन भर बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ रहता है तथा व्यापारियों सहित गली-मौहल्लों व प्रमुख चोराहों पर चुनावों की ही चर्चा सुनने को मिलती है।