सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किए जाने पर बच्चों में पाई जाने वाली एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित एक बालिका में गंभीर बीमारी के लक्षण पाए गए है। लेकिन चिकित्सकों ने पीडीत बालिका को इस बीमारी से मुक्त करवाने का दावा किया है। नेफ्रोटिक्स सिन्ड्रोम जो कि एक गुर्दे से सम्बन्धित बीमारी है। खास बात यह है कि यह बीमारी एक लाख बच्चों में से महज एक-दो बच्चों में पाई जाती है। इस बीमारी के सामान्यत: प्रकट होने वाले लक्षणों में चेहरे पर सूजन के साथ शरीर पर सूजन आ जाती है। यह बीमारी मालपुरा अस्पताल में पहली बार सामने आई है। ऐसी दुर्लभ बीमारी का इलाज सामान्य रूप से मेडिकल कॉलेज में किया जाना संभव है परंतु इस बच्चे का इलाज मालपुरा के सरकारी अस्पताल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीतराम मीणा द्वारा किया जा रहा है। डॉ. जीतराम मीणा ने कहा कि सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाई गई एक बालिका मुस्कान पुत्री तेजू निवासी सिंधौलीया में विशेष लक्षण देखने के बाद किसी गंभीर बीमारी से पीडीत होने का संदेह हुआ जिसके बाद उसकी विशेष जांचे करवाई गई जिसमें उसके नेफ्रोटिक्स सिन्ड्रोम नामक बीमारी से पीडीत होने की जानकारी मिली। जिसके बाद उसका सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है। डॉ. मीणा ने बताया कि पूर्व में पीडीत बालिका के पिता ने अपनी पुत्री का किशनगढ के एक चिकित्सालय में उपचार करवाने का प्रयास किया लेकिन वहां ईलाज नहीं हो सका। जिसके बाद पीडीत बालिका के पिता ने मालपुरा पहुंचकर सरकारी अस्पताल में अपनी पुत्री को उपचार के लिए भर्ती करवाया जहां यह दुर्लभ बीमारी होने की जानकारी मिली।