शहर में मंगलवार को सामाजिक समरसता का ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है जो हिन्दुस्तान के इतिहास में प्रथम होगा व भविष्य में सम्पूर्ण समाज को नई राह दिखायेगा और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति को जन्म देगा। श्री गणपति महोत्सव समिति मालपुरा ने इस अनूठे कार्यक्रम की रचना की है। जिसके लिए मालपुरा के राजकीय उमा विद्यालय के प्रांगण में विशाल पाण्डाल निर्मित किया गया है तथा महाप्रसादी की तैयारियां जोरों पर है। सर्वप्रथम शहर के सभी वार्डो में युवाओं की ओर से वरिष्ठजन का सम्मान किया जाएगा तथा जुलूस के रूप में बारादरी बालाजी मंदिर प्रांगण में एकत्रीकरण होगा। जहां से लेकर सडक के दोनों ओर तीन किलोमीटर लम्बी मानवश्रृंखला निर्मित होगी व वरिष्ठजनों को बैण्डबाजों के साथ जुलूस के रूप में कार्यक्रमस्थल तक लाया जाएगा एवं सडक के दोनों ओर से पुष्पवर्षा की जाएगी। इस दौरान मार्ग में विभिन्न स्थानों पर जलपान की भी व्यवस्था की गई है। कार्यक्रमस्थल पर सामूहिक एकत्रीकरण होगा एवं सामूहिक सहभोज आयोजित होगा। एडवोकेट कृष्णकांत जैन ने बताया कि सम्पूर्ण हिन्दू समाज के सामूहिक भोजन के कार्यक्रम देश मे पहले भी बहुत बार आयोजित हुए है किंतु उन कार्यक्रमों में सम्पूर्ण समाज की सहभागिता केवल भोजन करने तक सीमित रही है। इस कार्यक्रम में भोजन नही सहभोज होगा अर्थात समाज के प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक घर के अंशदान से यह कार्यक्रम सम्पन्न होगा। समाज के प्रत्येक वर्ग से चाहे हरिजन हो या महाजन, ब्राह्मण हो या बैरवा, जाट हो या रेगर, राजपूत माली हो या बलाई अर्थात समाज के सभी वर्गों के घरों से अनाज व धन का संग्रहण किया गया है। भोजन बनाने से लेकर खिलाने तक सभी वर्गों का सहयोग रहने वाला है। इस प्रकार का सामाजिक समरसता का अनूठा कार्यक्रम भारत वर्ष के इतिहास में कभी भी कहीं आयोजित नही हुआ। सामाजिक समरसता व हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए सम्पूर्ण समाज को एक माला में पिरोने के लिए इस कार्यक्रम की रचना की गई है। गणपति महोत्सव समिति के एडवोकेट कृष्णकांत जैन ने बताया कि सम्पूर्ण हिन्दू समाज की ओर से इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश को एक सन्देश प्रदान किया जाएगा। इस महासंगम के लिए लोगों में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है, शहरवासियों में ही नहीं अपितु व्यापारियों एवं विभिन्न संगठनों की ओर से व्यापक प्रचार-प्रसार करने सहित अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर सामूहिक अवकाश रखकर हिंदु समाज के कार्यक्रम में अपना योगदान दिए जाने की घोषणाएं की जा रही है।