राष्ट्रकवि चन्द्रबरदाई जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन

0
96

महान पुरूष राष्ट्रकवि चन्दरबरदाई जयन्ति सोमवार को धूमधाम से मनाई गई। सोमवार को सांंय 3 बजे से वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान ईकाई मालपुरा के दंशलेखकों द्वारा श्री शिव बद्री केदारनाथ मंदिर पीनणी रोड़ मालपुरा में बड़े ही धूम-धाम से मनाई गई जिसमें मुख्य वक्ता धर्मजागरण मंच से जीवनलाल शास्त्री ने कवि चन्दरबरदाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुये समस्त हिन्दू समाज व युवाओं का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में अन्य अतिथियों के रूप में मथुरालाल गुर्जर, हरिसिंह, सत्यनारायण विजय ने शिरकत की। मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए जीवनलाल शास्त्री ने बताया कि इतिहास में कई ऐसे लोग हुए है जो जिनका योगदान अमिट व अविस्मरणीय रहा है लेकिन वे समय के साथ गुम हो गए। नई पीढी को ऐसे महापुरूषों, कवियों व शख्सियतों के बारे में जानने की जरूरत है। जब-जब भी पृथ्वीराज चौहान के शौर्य की चर्चा होती है तो उसमें चन्दरबरदाई की चर्चा किए बिना कु़छ अधूरा सा लगता है। चन्दरबरदाई के साथ संयोग रहा कि उनका व पृथ्वीराज चौहान का जन्म व महाप्रयाण एकसाथ हुआ। शब्दभेदी बाण चलाने में महारथी पृथ्वीराज चौहान को अंधा बनाने के बाद सुल्तान की सटीक स्थिति का चित्रण करने के लिए उनके द्वारा कहे गए एक दोहे चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ठ प्रमाण, ताही पर सुल्तान है मत चूकै चौहान ने इतिहास में अमर कर दिया। लेकिन दुर्भाग्य है कि आज की पीढी इस इतिहास और अमिट गौरवगाथा से अनभिज्ञा है। अन्य वक्ताओं ने भी महान कवि चन्दरबरदाई व उनके भारतीय इतिहास में योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में बडी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे। कार्यक्रम में मंच संचालन जुगराज सिंह ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here