पवित्र श्रावण मास में अंतिम सोमवार को शिवालयों में भारी भीड उमडी तथा शिवभक्तों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए नाना प्रकार के उपाय किए। शिवालयों में भक्तों द्वारा सहस्त्रघट के साथ-साथ शिव का जलाभिषेक व पंचामृत स्नान आयोजित किया। इस अवसर पर बिल्वपत्रों एवं फूलों के माध्यम से भगवान शिव का अनुपम श्रृंगार कर मनमोहक झांकी सजाई गई। श्रावण मास में सोमवार के साथ प्रदोष के संयोग को अति उत्तम एवं फलदायी माना जाता है,शिवालयों में भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस, भांग, धतूरा आदि चढाकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद लिया जाता है। सोम-प्रदोष के संयोग पर शिवालयों में रूद्री पाठ, लिंगाष्ठकम, शिव चालीसा, ताण्डवस्त्रोत, पंचाक्षरमंत्र, शिवमहिम्र स्त्रोत सहित शिव महिमा का पाठ किया गया तथा दिन भर शिवालयों में ऊं नम: शिवाय की गंूज सुनाई दी।इसी क्रम में पचेवर में नाडी वाले बाबा धाम पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। इस अवसर पर पं.नाथूलाल शर्मा (गुरूजी), पचेवर सरपंच घनश्याम गुर्जर सहित बाबा मंडल के अन्य सदस्य मौजूद रहे। सायंकाल भगवान शिव की महाआरती की गई तथा प्रसादी का वितरण किया गया।