विशाल कलशयात्रा के साथ श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ

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स्वामी श्री 1008 श्री रामचरण जी महाप्रभु की त्रिशताब्दी महोत्सव के अंतर्गत मालपुरा में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ विशाल कलश यात्रा के साथ हुआ। बुधवार को प्रात: कलशयात्रा श्री चारभुजा मंदिर से रवाना हुई जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए कथा स्थल विजयवर्गीय सेवा सदन पहुंची। शहर में कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में व्यास आसन अलंकर परम पूज्य संत श्री रमता राम जी महाराज के शिष्य दर्शन आचार्य परम सिद्धि संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज राम द्वारा चित्तौडगढ़ पालकी में बैठकर शामिल हुए। खुली जीप में खडे होकर महाराज ने आमजन का अभिवादन स्वीकारते हुए मंगल आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर बडी संख्या में रामस्नेही सिर पर भागवत ग्रन्थ एवं हाथ में धर्म ध्वज पताका लिए चले। वही सज संवरकर चुनरी पहने पहुंची 501 महिलाएं सिर पर मंगल कलश लिए मंगलाचरण गाती हुई चली। वहीं शोभायात्रा में राम दरबार की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। कलश यात्रा में कथा आयोजक परिवार के रामदत्त त्रिलोकचंद, रामेश्वर, अशोक, रामबाबू, अमित, राहुल, अरविंद, दिनेश आनंद, राजकुमार, प्रखर, कृष्णगोपाल सहित बडी संख्या में धर्मप्रेमी व श्रृद्धालु शामिल रहे। शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए विजयवर्गीय सेवा सदन पहुंचकर धर्मसभा में तब्दील हो गई। जहां व्यासपीठ से संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज ने कथा का शुभारम्भ करते हुए कथा महाम्त्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपना जीवन सफल बनाने के लिए भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। भागवत से मिले ज्ञान को यदि हम अपने जीवन में उतारेंगे तो निश्चित ही हमारा जीवन सफल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत ही इस संसार से मुक्ति के मार्ग का एकमात्र रास्ता है कलयुग में कथा श्रवण करने, पठन करने व वाचन करने मात्र से प्राणी करने मात्र से प्राणी का कल्याण हो जाता है एवं वह जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। विजयवर्गीय सेवा सदन में आयोजित होने वाले इस महायज्ञ में व्यास व्यास आसन अलंकर परम पूज्य संत श्री रमता राम जी महाराज के शिष्य दर्शन आचार्य परम सिद्धि संत श्री दिग्विजय राम जी महाराज राम द्वारा चित्तौडग़ढ़ द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ में 6 जून को कपिल देवहुति प्रसंग एवं धु्रव चरित्र, शुक्रवार 7 जून को प्रहलाद चरित्र एवं नरसिंह अवतार, शनिवार 8 जून को राम अवतार, कृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव, 9 जून रविवार को बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा, सोमवार 10 जून को रुक्मणी विवाह एवं मंगलवार को सुदामा चरित्र एवं कथा पूर्णाहुति का आयोजन किया जाएगा।

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