संस्थान द्वारा उन्नत तकनीकों का अधिकाधिक लाभ उठाए किसान

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केंद्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के फार्मर फस्र्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत मंगलवार को ग्राम चौसला में किसान चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 40 पुरुष किसानों एवं 40 महिलाओं ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी सौशल मीडिया डॉ.रमेश चंद शर्मा ने बताया कि चौपाल में संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर आर्त बन्धु साहू ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा कई उन्नत तकनीकियां विकसित की गई है। जिसका किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए। इस संबंध में उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित अविकामिनमिक्स, मेमनाप्राश एवं कम कीमत में संतुलित दाना बनाने के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। उन्होंने पशुओं को अजोला तैयार करने एवं इसे खिलाने के लाभ भी बताएं। डॉ. साहू ने किसानों को फार्मर फस्र्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों की भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से नस्ल सुधार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान करने हेतु सिमन केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार से मुर्रा नस्ल के पाडे का लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के चार गांव चौसला, अरनिया, बस्सी एवं डेंचवास में यह सेवा नि:शुल्क पहुंचाई जा रही है एवं आसपास के अन्य गांव के किसानों को न्यूनतम शुल्क लेकर यह सेवा दी जा रही है। पशु प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभागाध्यक्ष डॉ-अरुण कुमार तोमर ने किसानों को पशुओं की उन्नत एवं शुद्ध नस्ल रखने की सलाह दी और उन्होंने बताया कि संस्थान उन्नत नस्ल के बकरे एवं बकरियां भी किसानों को किताबी कीमत पर उपलब्ध कराता है। विभागाध्यक्ष पशु शरीर क्रिया एवं जीव रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.राघवेंद्र सिंह ने किसानों को भेडों में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से ज्यादा बच्चे लेने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों से संगठित रहकर कार्य करने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को सूचना कार्ड भी वितरित किए। इस अवसर पर किसानों एवं महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ- राजकुमार रहे और उन्होंने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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